जयपुर (अग्रगामी) अग्रगामी संदेश ने अपने पिछले अंक में सवाल उठाया था कि जयपुर नगर निगम की आयुक्त अलका मीणा आखीरकार कानूनों की धज्जियां उड़ा कर गैरकानूनी और बिना इजाजत तामीर अवैध निर्मार्णों पर कार्यवाही क्यों नहीं करना चाहती है? हमारा सवाल यह भी था कि हवामहल जोन पश्चिम आयुक्त अलका मीणा क्या राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 एवं 245 से वाकिफ हैं! क्या उन्होंने इन धाराओं का अध्ययन नहीं किया है, जिसकी वजह से वे अवैध निर्मार्णों के खिलाफ कार्यवाही करने में असमर्थ हैं?
अब एक अहम सवाल सामने आ रहा है कि क्या जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पश्चिम में अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों और बिना इजाजत तामीरात के खिलाफ कार्यवाही मोटे लेनदेनों के चलते तो रूकी हुई नहीं है! हमने अग्रगामी संदेश में लगभग दर्जनभर से ज्यादा अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों और बिना इजाजत तामीरात के मामले साया किये थे, अगर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी इनकी जांच करे तो जोन आयुक्त अलका मीणा और उनके अधीनस्थ अफसरों और कर्मचारियों की अवैध निर्माणों में संलिप्तता साफ-साफ नजर आ जायेगी!
हम फिर जोन आयुक्त अलका मीणा और उनके अधीनस्थ कारिन्दों से सवाल पूछना चाहेंगे कि गोपालजी का मंदिर म्युनिसिपल संख्या 1400, जैन मंदिर के पास, पंडित शिवदीन के रास्ता, चौकडी मोदीखाना में चार मंजिला मकान बिना इजाजत तामीर बन गया और आज भी उसमें निर्माण का काम चल रहा है, लेकिन जोन का पूरा अमला मौन साधे बैठा है! आखीर क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही इस गैरकानूनी निर्माण के खिलाफ। जवाब देंगी आयुक्त अलका मीणा!
अगला प्रकरण है स्थानीय चौडा रास्ता स्थित ठठेरों की गली के मकान नम्बर 1713 के मालिक ने आम रास्ते के ऊपर पूरे भवन की मंजिलों को बिना इजाजत गैर कानूनी तरीके से बाहर निकाल लिया! स्थानीय नागरिक मैडम जी और उनके आधीन अमले को शिकायतें करते रहे, सीईओ कार्यवाही के लिये लिखते रहे और मौका देख जोन अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई, लेकिन मैडमजी ने आज तक अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही नहीं की! आखीर क्यों? बतायें मैडमजी, वे कारण जिनकी वजह से अवैध निर्माणकर्ता और अवैध निर्माण करवाने में सहयोगी जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पश्चिम में उनके मातहत अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 एवं 245 के तहत कार्यवाही नहीं की गई?
इस ही तरह मोदीखाना चौकडी की संकडी गली, नाटाणियों का रास्ता के भवन संख्या 1170 में अवैध रूप से बिना इजाजत गैरकानूनी तरीके से दुकानों का निर्माण हो गया और आज उनमें कॉमर्शियल गतिविधियां चल रही है और जोन आयुक्त एवं उनका अधीनस्थ अमला मौन दर्शक की तरह अवैध निर्माण को देख रहा है!
नगर निगम हवामहल जोन पश्चिम आयुक्त अलका मीणा से हमारा एक सवाल ओर भी है कि जयपुर नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने दिनांक 15 अप्रेल, 2013 को म्युनिसिपल भवन संख्या 2490, पटवों का रास्ता, बापू बाजार, चौकडी विश्वेश्वर में हुए अवैध जी+3 कॉमर्शियल निर्माण पर तत्काल कार्यवाही करने और रिपोर्ट करने के लिये दिनांक 15 अप्रेल, 2013 को लिखा था। मैडम जी अगर आपको याद हो तो आपने 16 अप्रेल, 2013 को ऑल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन को एक माह में सक्षम कार्यवाही करने के लिये आश्वस्त किया था। कहां गई सीईओ के आदेशों पर आपकी कार्यवाही और कहां गई आपके दिये आश्वासन पर कार्यवाही! पूछ कर ही बता दें अपने जेईएन किरोड़ीलाल, गजधर मोहसीन बिल्ला और सुशील से।
भवन संख्या 978, गोपालजी का रास्ता, चौकडी विश्वेश्वर अवैध निर्माण कर कॉमर्शियल गतिविधियां शुरू हो गई। क्यों फाइल अलमारी में दबी है? क्यों अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है, मैडमजी बतायेंगी!
अगला प्रकरण है स्थानीय चौडा रास्ता के हैरीटेज लुक की ऐसी की तैसी कर बनाई गई दुकान! चौडा रास्ता में राजकीय माध्यमिक स्कूल के पास मुख्य बाजार में सरे राह अवैध रूप से गैरकानूनी तरीके से अवैध दुकान कॉमर्शियल उपयोग के लिये खुद जोन के कर्मचारी की मौजूदगी में बना ली गई, लेकिन मैडमजी ने आज तक अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही नहीं की! आखीर क्यों? बतायें मैडमजी, वे कारण जिनकी वजह से अवैध निर्माणकर्ता और अवैध निर्माण करवाने में सहयोगी जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पश्चिम में उनके मातहत अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 एवं 245 के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
भवन संख्या 1072, गोपाल जी का रास्ता, चौकडी विश्वेश्वर के मामले को भी मैडमजी शायद दबा कर बैठ गई, क्योंकि इस भवन में भी व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई वहीं जी+2 से ज्यादा अवैध निर्माण हो चुका है। यही नहीं जयपुर नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने भी तीन दिन में कार्यवाही कर रिपोर्ट देने के आदेश दे रखे हैं, लेकिन लगता है कि मैडम जी इस फाइल को भी दबा कर बैठ गई हैं!
नगर निगम की आयुक्त अलका मीणा से सवाल यह भी है कि अगर उनके आधीन उनके जोन का कोई अफसर या कर्मचारी अवैध बिना इजाजत तामीरात को प्रोत्साहित कर रहा है तो उसके खिलाफ वे राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 एवं 245 में उल्लेखित तरीके से कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है? क्यों दोषियों को कानून के दायरे में नहीं लाना चाहती है? क्या जवाब है उनका?
अब एक अहम सवाल सामने आ रहा है कि क्या जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पश्चिम में अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों और बिना इजाजत तामीरात के खिलाफ कार्यवाही मोटे लेनदेनों के चलते तो रूकी हुई नहीं है! हमने अग्रगामी संदेश में लगभग दर्जनभर से ज्यादा अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों और बिना इजाजत तामीरात के मामले साया किये थे, अगर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी इनकी जांच करे तो जोन आयुक्त अलका मीणा और उनके अधीनस्थ अफसरों और कर्मचारियों की अवैध निर्माणों में संलिप्तता साफ-साफ नजर आ जायेगी!
हम फिर जोन आयुक्त अलका मीणा और उनके अधीनस्थ कारिन्दों से सवाल पूछना चाहेंगे कि गोपालजी का मंदिर म्युनिसिपल संख्या 1400, जैन मंदिर के पास, पंडित शिवदीन के रास्ता, चौकडी मोदीखाना में चार मंजिला मकान बिना इजाजत तामीर बन गया और आज भी उसमें निर्माण का काम चल रहा है, लेकिन जोन का पूरा अमला मौन साधे बैठा है! आखीर क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही इस गैरकानूनी निर्माण के खिलाफ। जवाब देंगी आयुक्त अलका मीणा!
अगला प्रकरण है स्थानीय चौडा रास्ता स्थित ठठेरों की गली के मकान नम्बर 1713 के मालिक ने आम रास्ते के ऊपर पूरे भवन की मंजिलों को बिना इजाजत गैर कानूनी तरीके से बाहर निकाल लिया! स्थानीय नागरिक मैडम जी और उनके आधीन अमले को शिकायतें करते रहे, सीईओ कार्यवाही के लिये लिखते रहे और मौका देख जोन अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई, लेकिन मैडमजी ने आज तक अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही नहीं की! आखीर क्यों? बतायें मैडमजी, वे कारण जिनकी वजह से अवैध निर्माणकर्ता और अवैध निर्माण करवाने में सहयोगी जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पश्चिम में उनके मातहत अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 एवं 245 के तहत कार्यवाही नहीं की गई?
इस ही तरह मोदीखाना चौकडी की संकडी गली, नाटाणियों का रास्ता के भवन संख्या 1170 में अवैध रूप से बिना इजाजत गैरकानूनी तरीके से दुकानों का निर्माण हो गया और आज उनमें कॉमर्शियल गतिविधियां चल रही है और जोन आयुक्त एवं उनका अधीनस्थ अमला मौन दर्शक की तरह अवैध निर्माण को देख रहा है!
नगर निगम हवामहल जोन पश्चिम आयुक्त अलका मीणा से हमारा एक सवाल ओर भी है कि जयपुर नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने दिनांक 15 अप्रेल, 2013 को म्युनिसिपल भवन संख्या 2490, पटवों का रास्ता, बापू बाजार, चौकडी विश्वेश्वर में हुए अवैध जी+3 कॉमर्शियल निर्माण पर तत्काल कार्यवाही करने और रिपोर्ट करने के लिये दिनांक 15 अप्रेल, 2013 को लिखा था। मैडम जी अगर आपको याद हो तो आपने 16 अप्रेल, 2013 को ऑल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन को एक माह में सक्षम कार्यवाही करने के लिये आश्वस्त किया था। कहां गई सीईओ के आदेशों पर आपकी कार्यवाही और कहां गई आपके दिये आश्वासन पर कार्यवाही! पूछ कर ही बता दें अपने जेईएन किरोड़ीलाल, गजधर मोहसीन बिल्ला और सुशील से।
भवन संख्या 978, गोपालजी का रास्ता, चौकडी विश्वेश्वर अवैध निर्माण कर कॉमर्शियल गतिविधियां शुरू हो गई। क्यों फाइल अलमारी में दबी है? क्यों अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है, मैडमजी बतायेंगी!
अगला प्रकरण है स्थानीय चौडा रास्ता के हैरीटेज लुक की ऐसी की तैसी कर बनाई गई दुकान! चौडा रास्ता में राजकीय माध्यमिक स्कूल के पास मुख्य बाजार में सरे राह अवैध रूप से गैरकानूनी तरीके से अवैध दुकान कॉमर्शियल उपयोग के लिये खुद जोन के कर्मचारी की मौजूदगी में बना ली गई, लेकिन मैडमजी ने आज तक अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही नहीं की! आखीर क्यों? बतायें मैडमजी, वे कारण जिनकी वजह से अवैध निर्माणकर्ता और अवैध निर्माण करवाने में सहयोगी जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पश्चिम में उनके मातहत अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 एवं 245 के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
भवन संख्या 1072, गोपाल जी का रास्ता, चौकडी विश्वेश्वर के मामले को भी मैडमजी शायद दबा कर बैठ गई, क्योंकि इस भवन में भी व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो गई वहीं जी+2 से ज्यादा अवैध निर्माण हो चुका है। यही नहीं जयपुर नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने भी तीन दिन में कार्यवाही कर रिपोर्ट देने के आदेश दे रखे हैं, लेकिन लगता है कि मैडम जी इस फाइल को भी दबा कर बैठ गई हैं!
नगर निगम की आयुक्त अलका मीणा से सवाल यह भी है कि अगर उनके आधीन उनके जोन का कोई अफसर या कर्मचारी अवैध बिना इजाजत तामीरात को प्रोत्साहित कर रहा है तो उसके खिलाफ वे राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 एवं 245 में उल्लेखित तरीके से कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है? क्यों दोषियों को कानून के दायरे में नहीं लाना चाहती है? क्या जवाब है उनका?