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कोटा में कब्रिस्तानों के लिये 20 करोड़ और जयपुर में समाधि स्थल पर बनवाया गेस्ट हाऊस!

जयपुर/कोटा (अग्रगामी) राज्य सरकार ने महंगाई के समय में निर्धनों को अनेक योजनाओं के माध्यम से सम्बल प्रदान किया है, जिससे कि वे महंगाई का मुकाबला कर सकें। यह विचार गत शनिवार को नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में आयोजित जनसुनवाई के मौके पर व्यक्त किये।

स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि सरकार बीपीएल परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए 75 हजार रुपये अनुदान के रूप में उपलब्ध करा रही है। इसके साथ-साथ स्टेट बीपीएल, अन्त्योदय एवं आस्था कार्डधारी परिवारों को भी बीपीएल की सुविधाओं में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाई गई पेंशन योजना के नियमों में शिथिलता का परिणाम है कि आज राज्य में 35 लाख से अधिक लोगों को पेंशन मिल रही है। उन्होंने कहा कि अभी भी समय है जो लोग आवेदन करने से चूक गये हों, वे अपना आवेदन कर सकते हैं।

स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्घ है। कोटा में करीब 70 कब्रिस्तानों के विकास के कार्य कराये गये, जिन पर लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च किये गये।

ज्ञातव्य रहे कि जयपुर के जैन समुदाय के समाधि स्थल मोहनबाडी की सम्पत्ति को खुदबुर्द करते हुए और सौ से अधिक पेडों को काटते हुए पूरी हरियाली को खत्म कर अब यहां पर पंचतारा गैस्ट हाऊस खडा कर दिया गया है। इसकी जानकारी और शिकायतों को दरकिनार कर स्वायत्त शासन विभाग, राज्य सरकार, राज्य प्रशासन और जिला प्रशासन तथा जयपुर नगर निगम के पास इस 160 साल पुराने समाधि स्थल (शमशान स्थल) जोकि जैन समुदाय के इतिहास से जुडा है को बचाने के लिये कार्य करने का माद्दा ही नजर नहीं आ रहा है। कब्रिस्तानों के लिये पैसा देने का गुणगान करने वाले स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल बतायें कि उन्हीं के जैन समुदाय के 160 साल पुराने समाधि स्थल को पंचतारा गैस्ट हाऊस बनाने के बदले उनको और उनके अधिनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को कितने का पैकेज मिला, क्योंकि सरकार और प्रशासन ने तो जैन समुदाय के इस समाधी स्थल मोहनबाड़ी को विकसीत करने हेतु कोई कदम नहीं उठाया और ना ही कोई कार्यवाही करने का विचार लगता है। इससे साफ है कि मोटा नजराना अवश्य मिला है पूंजीपतियों से!

 
AGRAGAMI SANDESH

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