जयपुर (अग्रगामी) श्वेताम्बर-दिगम्बर समाज की एकता के पाखण्ड की असलियत
अब परत-दर-परत खुलने लगी है। श्री जैन श्वेताम्बर खरतगच्छ संघ के संघमंत्री
ज्योति कोठारी का कहना है कि मुनि ललितप्रभ सागर एवं चंद्रप्रभ सागर का
चातुर्मास प्रवेश 14 जून, 2013 को दिगम्बर जैन मुनि तरूण सागर के साथ होगा।
उनका दावा है कि अन्य संघों के साधु संत भी साथ ही चातुर्मास प्रवेश
करेंगे।
हकीकत यह है कि श्वेताम्बर जैन समुदाय के विभिन्न घटक समाजों के साधु-साध्वियों के चातुर्मास मंगल प्रवेश की पूर्व में ही घोषणाऐं हो चुकी है। तपागच्छ समाज की साध्वी नरेन्द्र जी का चातुर्मास मंगल प्रवेश 10 जुलाई को होगा! साध्वी डॉ.प्रियदर्शना जी का चातुर्मास मंगल प्रवेश 17 जुलाई को प्रताप नगर में होगा। इस ही तरह अन्य साधु-साध्वियों के चातुर्मास मंगल प्रवेश विभिन्न तिथियों में होने हैं। तो सवाल उठता है कि आखीर वे कौन से समाज हैं जिनके साधु-साध्वी 14 जुलाई को मुनि ललितप्रभ सागर और चंद्रप्रभ सागर तथा तरूण सागर के साथ जयपुर में चातुर्मास प्रवेश करेंगे! क्योंकि खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष माणकचंद गोलेछा और संघमंत्री ज्योति कोठारी भी यह स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि किन-किन समाजों के साधु-साध्वी उनकी मुहिम में उनके साथ शामिल हो रहे हैं।
श्वेताम्बर-दिगम्बर एकता के ढोल की पोल तो खुद ज्योति कोठारी ने ही शिवजीराम भवन ब्लाग पर पोस्ट किये डिस्पेच में ही खोल दी!
ललितप्रभ-चंद्रप्रभ सागर जयपुर चातुर्मास प्रवेश 14 जुलाई शीर्षक से ब्लाग पर किये गये पोस्ट में उन्होंने माना है कि महोपाध्याय श्री.....की गई इस डिस्पेच से भी साफ जाहिर हो जाता है कि ललितप्रभ सागर, चंद्रप्रभ सागर और तरूण सागर तथा उनके चातुर्मास कार्यक्रम के स्वंयभूं आयोजकों के अलावा दिगम्बर और श्वेताम्बर समुदाय का कोई भी समाज इनकी नौटंकी में शामिल नहीं है! यहां एक गम्भीर सवाल यह भी उठता है कि मुनि तरूण सागर के गुरू आचार्य पुष्पदंत एवं उनके अन्य लगभग 20 शिष्यों ने जोकि मुनि तरूण सागर के गुरूभाई भी हैं ने आज तक दिगम्बर-श्वेताम्बर एकता के लिये कभी कुछ कहा ही नहीं है और न ही इस मुद्दे पर कभी कोई मुहिम चलाई है। यहां तक कि मुनि तरूण सागर के दिगम्बर-श्वेताम्बर एकता के मुद्दे पर भी आचार्य पुष्पदंत और उनके लगभग 20 से ज्यादा शिष्यों ने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है! इससे भी साफ जाहिर हो जाता है कि दिगम्बर-श्वेताम्बर एकता की नौटंकी सिर्फ भीड़ जुटाने एवं अन्य निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिये की जा रही है।
एक गम्भीर सवाल यह भी उठ रहा है कि 14 जुलाई को चातुर्मास मंगल प्रवेश के बाद महोपाध्याय ललितप्रभ सागर और चंद्रप्रभ सागर का चातुर्मास आवास स्थल कहां होगा? जयपुर शहर में स्थित शिवजीराम भवन एवं विचक्षण भवन में अथवा अन्यन्त्र! आज तक उनके चातुर्मास आवास स्थल के बारे में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष, संघमंत्री और अन्य पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी के सदस्यों ने कोई खुलासा नहीं किया है, आखीर क्यों?
सूत्र बताते हैं कि उनके चातुर्मास कार्य को देख रहे लोग एसएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउण्ड जहां मुनि तरूण सागर जयपुर चातुर्मास आयोजन समिति के बैनर तले मुनि तरूण सागर के प्रवचनों का आयोजन होना है, के आस-पास कोई खाली स्थल तलाश रहे हैं जहां महोपाध्याय ललितप्रथ सागर एवं चंद्रप्रभ सागर को ठहराया जा सके, क्योंकि शहर के चारदिवारी क्षेत्र में स्थित विचक्षण भवन से प्रतिदिन एसएमएस इन्वेस्टमैंट ग्राउण्ड तक आना-जाना इन संतों के लिये असुविधाजनक रहेगा। इस ही क्रम में खरतरगच्छ संघ के पदाधिकारी पिछले दिनों मालपुरा गये थे और वहां चातुर्मास हेतु स्थिर साध्वियों में से एक साध्वी जी को जयपुर चातुर्मास करने के लिये आग्रह किया था, ताकि उनके सानिध्य में शिवजीराम भवन में समाज के चातुर्मास कार्यक्रम सम्पन्न करवाये जा सकें! लेकिन जानकार सूत्र बताते हैं कि साध्वी जी ने इस मामले में इन्कार कर दिया बताया! ऐसे स्थिति में अगर महोपाध्या ललितप्रभ सागर और चंद्रप्रभ सागर विचक्षण भवन से अन्यन्त्र चातुर्मास आवास करते हैं तो फिर खरतरगच्छ समाज में चातुर्मास कार्यक्रम कैसे सम्पन्न होंगे? और कौन चातुर्मास कार्यक्रम सम्पन्न करवायेगा? एमएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउण्ड में जो प्रवचन स्थल बनाया गया है उसमें एक ही प्रवचनकर्ता के लिये स्थान नियत किया गया है। मुनि तरूण सागर जयपुर चातुर्मास आयोजन समिति द्वारा जारी एक पत्रक में छपे प्रवचन स्थल के स्केच से यह साफ नजर आता है। ऐसी स्थिति में महोपाध्याय ललितप्रभ सागर एवं चंद्रप्रभ सागर के लिये प्रवचन मंच पर बैठने के स्थान पर भी पूरी दुविधा है!
एक गम्भीर सवाल खरतरगच्छ समुदाय के समक्ष है कि मुनि तरूण सागर जयपुर चतुर्मास आयोजन समिति ने अपने आमान्त्रण पत्र में मुनि तरूण सागर के प्रवचनों की तिथियां एवं समय स्पष्ट रूप से अंकित किया है। अब श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष माणकचंद गोलेछा और संघमंत्री ज्योति कोठारी बतायें कि उन तिथियों और समय पर जब मुनि तरूण सागर एसएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउण्ड पर प्रवचन कर रहे होंगे तब महोपाध्याय ललितप्रभ सागर और चंद्रप्रभ सागर कैसे प्रवचन दे सकते हैं, क्योंकि प्रवचन मंच और उस पर आसन तो एक ही होगा! ऐसी स्थिति में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रवचन तरूण सागर ही देंगे। अत: इस बेतुकी स्थिति का क्या निराकरण है बतायें खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष माणकचंद गोलेछा और संघमंत्री ज्योति कोठारी तथा मुनि तरूण सागर जयपुर चातुर्मास आयोजन समिति के परम संरक्षक विमलचंद सुराना, सुरेन्द्र गोलेछा, धर्मेन्द्र टांक सहित मुनि तरूण सागर चतुर्मास आयोजन समिति से जुड़े श्वेताम्बर जैन समाज के पूंजीपति सरमायेदार!
अग्रगामी संदेश ही अकेला ऐसा समाचार पत्र है, जिसने श्वेताम्बर-दिगम्बर एकता के पाखण्ड की आड़ में, समाज के आम श्रद्धालुओं/श्रवकों की भावनाओं से खिलवाड़ कर, भूमाफियाओं, बिल्डर माफियाओं, टैक्स चारों, पूंजीपति सरमायेदारों द्वारा राजनेताओं से सांठगांठ कर अपने नीहित स्वार्थों की पूर्ति के लिये एक गहरी चाल से जैन समुदाय को आगाह किया है। जैन समुदाय का मध्यम वर्ग, निम्र मध्यम वर्ग और गरीब तबका इस बार साधु-सन्तों की आड़ लेकर अपने नीहित स्वार्थों की पूर्ति के लिये रचे जा रहे तथाकथित एकता के पाखण्ड की हकीकत को समझ कर पाखण्डियों को करारा जवाब दने के मूड में आता जा रहा है।
उधर सीबीडीटी सहित अन्य ऐजेंसियों की कडी नजर इस आयोजन पर होने वाले खर्चों और उसके लिये इकठ्ठी की जा रही राशि के दाताओं पर भी रख रही है। क्रमश:
हकीकत यह है कि श्वेताम्बर जैन समुदाय के विभिन्न घटक समाजों के साधु-साध्वियों के चातुर्मास मंगल प्रवेश की पूर्व में ही घोषणाऐं हो चुकी है। तपागच्छ समाज की साध्वी नरेन्द्र जी का चातुर्मास मंगल प्रवेश 10 जुलाई को होगा! साध्वी डॉ.प्रियदर्शना जी का चातुर्मास मंगल प्रवेश 17 जुलाई को प्रताप नगर में होगा। इस ही तरह अन्य साधु-साध्वियों के चातुर्मास मंगल प्रवेश विभिन्न तिथियों में होने हैं। तो सवाल उठता है कि आखीर वे कौन से समाज हैं जिनके साधु-साध्वी 14 जुलाई को मुनि ललितप्रभ सागर और चंद्रप्रभ सागर तथा तरूण सागर के साथ जयपुर में चातुर्मास प्रवेश करेंगे! क्योंकि खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष माणकचंद गोलेछा और संघमंत्री ज्योति कोठारी भी यह स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि किन-किन समाजों के साधु-साध्वी उनकी मुहिम में उनके साथ शामिल हो रहे हैं।
श्वेताम्बर-दिगम्बर एकता के ढोल की पोल तो खुद ज्योति कोठारी ने ही शिवजीराम भवन ब्लाग पर पोस्ट किये डिस्पेच में ही खोल दी!
ललितप्रभ-चंद्रप्रभ सागर जयपुर चातुर्मास प्रवेश 14 जुलाई शीर्षक से ब्लाग पर किये गये पोस्ट में उन्होंने माना है कि महोपाध्याय श्री.....की गई इस डिस्पेच से भी साफ जाहिर हो जाता है कि ललितप्रभ सागर, चंद्रप्रभ सागर और तरूण सागर तथा उनके चातुर्मास कार्यक्रम के स्वंयभूं आयोजकों के अलावा दिगम्बर और श्वेताम्बर समुदाय का कोई भी समाज इनकी नौटंकी में शामिल नहीं है! यहां एक गम्भीर सवाल यह भी उठता है कि मुनि तरूण सागर के गुरू आचार्य पुष्पदंत एवं उनके अन्य लगभग 20 शिष्यों ने जोकि मुनि तरूण सागर के गुरूभाई भी हैं ने आज तक दिगम्बर-श्वेताम्बर एकता के लिये कभी कुछ कहा ही नहीं है और न ही इस मुद्दे पर कभी कोई मुहिम चलाई है। यहां तक कि मुनि तरूण सागर के दिगम्बर-श्वेताम्बर एकता के मुद्दे पर भी आचार्य पुष्पदंत और उनके लगभग 20 से ज्यादा शिष्यों ने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है! इससे भी साफ जाहिर हो जाता है कि दिगम्बर-श्वेताम्बर एकता की नौटंकी सिर्फ भीड़ जुटाने एवं अन्य निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिये की जा रही है।
एक गम्भीर सवाल यह भी उठ रहा है कि 14 जुलाई को चातुर्मास मंगल प्रवेश के बाद महोपाध्याय ललितप्रभ सागर और चंद्रप्रभ सागर का चातुर्मास आवास स्थल कहां होगा? जयपुर शहर में स्थित शिवजीराम भवन एवं विचक्षण भवन में अथवा अन्यन्त्र! आज तक उनके चातुर्मास आवास स्थल के बारे में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष, संघमंत्री और अन्य पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी के सदस्यों ने कोई खुलासा नहीं किया है, आखीर क्यों?
सूत्र बताते हैं कि उनके चातुर्मास कार्य को देख रहे लोग एसएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउण्ड जहां मुनि तरूण सागर जयपुर चातुर्मास आयोजन समिति के बैनर तले मुनि तरूण सागर के प्रवचनों का आयोजन होना है, के आस-पास कोई खाली स्थल तलाश रहे हैं जहां महोपाध्याय ललितप्रथ सागर एवं चंद्रप्रभ सागर को ठहराया जा सके, क्योंकि शहर के चारदिवारी क्षेत्र में स्थित विचक्षण भवन से प्रतिदिन एसएमएस इन्वेस्टमैंट ग्राउण्ड तक आना-जाना इन संतों के लिये असुविधाजनक रहेगा। इस ही क्रम में खरतरगच्छ संघ के पदाधिकारी पिछले दिनों मालपुरा गये थे और वहां चातुर्मास हेतु स्थिर साध्वियों में से एक साध्वी जी को जयपुर चातुर्मास करने के लिये आग्रह किया था, ताकि उनके सानिध्य में शिवजीराम भवन में समाज के चातुर्मास कार्यक्रम सम्पन्न करवाये जा सकें! लेकिन जानकार सूत्र बताते हैं कि साध्वी जी ने इस मामले में इन्कार कर दिया बताया! ऐसे स्थिति में अगर महोपाध्या ललितप्रभ सागर और चंद्रप्रभ सागर विचक्षण भवन से अन्यन्त्र चातुर्मास आवास करते हैं तो फिर खरतरगच्छ समाज में चातुर्मास कार्यक्रम कैसे सम्पन्न होंगे? और कौन चातुर्मास कार्यक्रम सम्पन्न करवायेगा? एमएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउण्ड में जो प्रवचन स्थल बनाया गया है उसमें एक ही प्रवचनकर्ता के लिये स्थान नियत किया गया है। मुनि तरूण सागर जयपुर चातुर्मास आयोजन समिति द्वारा जारी एक पत्रक में छपे प्रवचन स्थल के स्केच से यह साफ नजर आता है। ऐसी स्थिति में महोपाध्याय ललितप्रभ सागर एवं चंद्रप्रभ सागर के लिये प्रवचन मंच पर बैठने के स्थान पर भी पूरी दुविधा है!
एक गम्भीर सवाल खरतरगच्छ समुदाय के समक्ष है कि मुनि तरूण सागर जयपुर चतुर्मास आयोजन समिति ने अपने आमान्त्रण पत्र में मुनि तरूण सागर के प्रवचनों की तिथियां एवं समय स्पष्ट रूप से अंकित किया है। अब श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष माणकचंद गोलेछा और संघमंत्री ज्योति कोठारी बतायें कि उन तिथियों और समय पर जब मुनि तरूण सागर एसएमएस इन्वेस्टमेंट ग्राउण्ड पर प्रवचन कर रहे होंगे तब महोपाध्याय ललितप्रभ सागर और चंद्रप्रभ सागर कैसे प्रवचन दे सकते हैं, क्योंकि प्रवचन मंच और उस पर आसन तो एक ही होगा! ऐसी स्थिति में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रवचन तरूण सागर ही देंगे। अत: इस बेतुकी स्थिति का क्या निराकरण है बतायें खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष माणकचंद गोलेछा और संघमंत्री ज्योति कोठारी तथा मुनि तरूण सागर जयपुर चातुर्मास आयोजन समिति के परम संरक्षक विमलचंद सुराना, सुरेन्द्र गोलेछा, धर्मेन्द्र टांक सहित मुनि तरूण सागर चतुर्मास आयोजन समिति से जुड़े श्वेताम्बर जैन समाज के पूंजीपति सरमायेदार!
अग्रगामी संदेश ही अकेला ऐसा समाचार पत्र है, जिसने श्वेताम्बर-दिगम्बर एकता के पाखण्ड की आड़ में, समाज के आम श्रद्धालुओं/श्रवकों की भावनाओं से खिलवाड़ कर, भूमाफियाओं, बिल्डर माफियाओं, टैक्स चारों, पूंजीपति सरमायेदारों द्वारा राजनेताओं से सांठगांठ कर अपने नीहित स्वार्थों की पूर्ति के लिये एक गहरी चाल से जैन समुदाय को आगाह किया है। जैन समुदाय का मध्यम वर्ग, निम्र मध्यम वर्ग और गरीब तबका इस बार साधु-सन्तों की आड़ लेकर अपने नीहित स्वार्थों की पूर्ति के लिये रचे जा रहे तथाकथित एकता के पाखण्ड की हकीकत को समझ कर पाखण्डियों को करारा जवाब दने के मूड में आता जा रहा है।
उधर सीबीडीटी सहित अन्य ऐजेंसियों की कडी नजर इस आयोजन पर होने वाले खर्चों और उसके लिये इकठ्ठी की जा रही राशि के दाताओं पर भी रख रही है। क्रमश: