जयपुर (अग्रगामी) जयपुर नगर निगम क्षेत्र में गैरकानूनी अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के मामले में निगम के अफसरों और कारिंन्दों की मिलीभगत के मद्देनजर फारवर्ड ब्लाक के राजस्थान स्टेट जनरल सेक्रेटरी कामरेड़ हीराचंद जैन ने जयपुर नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जगरूप सिंह यादव, मुख्यालय आयुक्त वीरेन्द्र सिंह, आयुक्त (सतर्कता) अनिल गोठवाल और विद्याधर नगर जोन आयुक्त से स्पष्ट मांग की है कि विद्याधर नगर जोन क्षेत्र में झूलेलाल पार्क के सामने प्लाट नम्बर बी-48, बी-49 तथा बी-50, पावर हाऊस रोड़, नाहरी का नाका, जयपुर में निर्माण किये गये या निर्माणाधीन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 (7)(एफ) एवं 285 के तहत तत्काल सीज कर उन्हें ध्वस्त करवाया जाये।
जयपुर नगर निगम के सीईओ जगरूप सिंह यादव, मुख्यालय आयुक्त वीरेन्द्र सिंह, सतर्कता आयुक्त अनिल गोठवाल और विद्याधर नगर जोन आयुक्त कैलाशचंद शर्मा को व्यक्तिश: दिये गये पत्र की प्रतियां सचिव एम्पावर्ड कमेटी (सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित), राज्य के मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग राजस्थान, प्रमुख शासन सचिव नगरिय विकास विभाग राजस्थान, निदेशक स्थानीय निकाय विभाग राजस्थान एवं महापौर जयपुर नगर निगम को भी प्रेषित की गई है। पत्र में फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने साफ-साफ लिखा है कि जयपुर नगर निगम के अफसरों कारिंदों की शह पर विद्याधर नगर जोन के नाहरी का नाका, पावर हाऊस रोड़ पर स्थित प्लाट नम्बर बी-48 तथा बी-50 पर बिना इजाजत गैरकानूनी रूप से बने अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों और प्लाट बी-49 पर निर्माणाधीन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 (7)(एफ) एवं 285 के तहत तत्काल सीज किया जाकर ध्वस्त करवाने की कार्यवाही की जाये।
फारवर्ड ब्लाक ने जयपुर नगर निगम की मेयर और अफसरों का ध्यान राज्य सरकार के परिपत्र क्रमांक प.10 (54) नविवि/3/2005 पार्ट दिनांक 13 जून, 2012 एवं राजपत्र विशेषांक दिनांक 01 फरवरी, 2013 में प्रकाशित नगर निगम जयपुर भवन अनियमित निर्माण/नियमबद्धता/नियमितिकरण उपविधियां-2012 की ओर आकर्षित कराते हुए लिखा है कि इन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के निर्माण के लिये जुम्मेदार जयपुर नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।
ज्ञातव्य रहे कि पिछले लम्बे अर्से से जयपुर नगर निगम के मेयर, अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जयपुर नगर निगम क्षेत्र में भारी तादाद में अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों का निर्माण हो चुका है और अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के निर्माण का काम अब भी जोरशोर से चल रहा है। जबकि निगम की मेयर और सीईओ सहित इन अवैध निर्माणों के लिये जुम्मेदार अफसर नूराकुश्ती में जुटे हैं।
जयपुर नगर निगम के सीईओ जगरूप सिंह यादव, मुख्यालय आयुक्त वीरेन्द्र सिंह, सतर्कता आयुक्त अनिल गोठवाल और विद्याधर नगर जोन आयुक्त कैलाशचंद शर्मा को व्यक्तिश: दिये गये पत्र की प्रतियां सचिव एम्पावर्ड कमेटी (सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित), राज्य के मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग राजस्थान, प्रमुख शासन सचिव नगरिय विकास विभाग राजस्थान, निदेशक स्थानीय निकाय विभाग राजस्थान एवं महापौर जयपुर नगर निगम को भी प्रेषित की गई है। पत्र में फारवर्ड ब्लाक के स्टेट जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने साफ-साफ लिखा है कि जयपुर नगर निगम के अफसरों कारिंदों की शह पर विद्याधर नगर जोन के नाहरी का नाका, पावर हाऊस रोड़ पर स्थित प्लाट नम्बर बी-48 तथा बी-50 पर बिना इजाजत गैरकानूनी रूप से बने अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों और प्लाट बी-49 पर निर्माणाधीन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 (7)(एफ) एवं 285 के तहत तत्काल सीज किया जाकर ध्वस्त करवाने की कार्यवाही की जाये।
फारवर्ड ब्लाक ने जयपुर नगर निगम की मेयर और अफसरों का ध्यान राज्य सरकार के परिपत्र क्रमांक प.10 (54) नविवि/3/2005 पार्ट दिनांक 13 जून, 2012 एवं राजपत्र विशेषांक दिनांक 01 फरवरी, 2013 में प्रकाशित नगर निगम जयपुर भवन अनियमित निर्माण/नियमबद्धता/नियमितिकरण उपविधियां-2012 की ओर आकर्षित कराते हुए लिखा है कि इन अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के निर्माण के लिये जुम्मेदार जयपुर नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।
ज्ञातव्य रहे कि पिछले लम्बे अर्से से जयपुर नगर निगम के मेयर, अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जयपुर नगर निगम क्षेत्र में भारी तादाद में अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों का निर्माण हो चुका है और अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्सों के निर्माण का काम अब भी जोरशोर से चल रहा है। जबकि निगम की मेयर और सीईओ सहित इन अवैध निर्माणों के लिये जुम्मेदार अफसर नूराकुश्ती में जुटे हैं।