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अल्पसंख्यक जैन समुदाय को बदनाम करने से बाज आये भाजपाई!

जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का संवैधानिक दर्जा दिलवाने में आनाकानी करने वाली भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस खेमे के हिन्दुत्ववादी एक धड़े ने भाजपा के अन्दरूनी झगड़ों में जैन समुदाय को लपेट कर बदनाम करने की साजिश रची है। उदयपुर सम्भाग में यह प्रचारित किया जा रहा है कि भाजपा के राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया जैन बाहुल्य क्षेत्रों में जैन उम्मीदवारों को खड़ा कर भाजपा के उम्मीदवारों को हराने की कोशिश में जुटे हैं। इस तरह का शर्मनाक और निन्दनीय प्रचार कर जैन समुदाय को बदनाम करने की जो साजिश रची जा रही है उसकी जितनी कठोर शब्दों में निन्दा की जाये उतना ही कम होगा!
हम आपको याद दिला दें कि उदयपुर सम्भाग के ऋषभदेव में आदिनाथ ऋषभदेव के मंदिर मुद्दे पर कट्टर हिन्दुत्ववादियों ने पूरे उदयपुर संभाग में आदिवासियों और जैन समुदाय के बीच नफरत फैला कर जैन समुदाय की करोड़ों रूपये की सम्पत्ति नष्ट करवा दी थी। पीडि़त जैन समुदाय के लोगों को आज भी नुकसान की भरपाई के लिये सरकारी मुआवजे का इन्तजार है।
गुलाबचंद कटारिया कट्टर हिन्दुत्ववादियों और भाजपा नेता किरण माहेश्वरी व नन्दलाल मीणा के निशाने पर हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा वसुन्धरा राजे और गुलाबचंद कटारिया के बीच समझौता करवाने के बाद गुलाबचंद कटारिया की बढ़ती हुई सक्रियता से किरण माहेश्वरी एवं नन्दलाल मीणा खेमा बुरी तरह बौखला गया है। कटारिया को पटखनी लगाने के लिये निम्नस्तर तक के हथकण्डे इस्तेमाल करने की निन्दनीय हरकतें करने पर भी ये खेमा शायद उतारू हो गया है।
गुलाबचंद कटारिया पर जैन प्रत्याशी खड़े कर भाजपा प्रत्याशियों को हराने का जो शर्मनाक आरोप लगाया गया है उनसे एक बात तो साफ जाहिर हो गई है कि जैन समुदाय स्पष्ट रूप से अल्पसंख्यक है और जैन समुदाय को हकीकत में अल्पसंख्यक का संवैधानिक दर्जा मिलना ही चाहिये। क्योंकि बहुसंख्यकों से अब उसे अपने अस्तित्व का खतरा भी नजर आ रहा है।
वहीं खुद हिन्दुत्ववादियों ने भी अपनी इन हरकतों से जैन समुदाय को अलग सांस्कृतिक/धार्मिक समूह मान लिया है। हालांकि अदालती आदेशों में जैन समुदाय पहिले से ही अलग स्वतंत्र सांस्कृतिक/धार्मिक समुदाय है।
अब भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ को जैन समुदाय के बारे में अपनी स्पष्ट विचारधारा को जगजाहिर करना ही होगा और साफ-साफ घोषणा करनी होगी कि जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिये। साथ ही भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोगों को वोटों के जुगाड़ और अपने आन्तरिक झगड़ों को लेकर जैन समुदाय को बदनाम करने की हरकतों से भी बाज आना होगा!

 
AGRAGAMI SANDESH

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