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मीट एण्ड ग्रीट पार्टी से जैन समुदाय का कोई लेनादेना नहीं है!

समाचार पत्रों में छपी खबर को अगर सही माना जाये तो प्रदेश के नवनियुक्त लोकायुक्त जस्टिस एस.एस.कोठारी आलोचकों की आलोचनाओं के दायरे में तो आ ही गये हैं।
मामला है बैराठ फार्म हाऊस पर लोकायुक्त एस.एस.कोठारी से मिलने और उन्हें बधाई देने के लिये सुमेर सिंह बोथरा एवं बोथरा परिवार के अन्य लोगों द्वारा आयोजित भोज कार्यक्रम में लोकायुक्त के शामिल होने का!
जहां तक इन पंक्तियों के लेखक की जानकारी में आया है, सुमेर सिंह बोथरा एवं अन्यों के मामले में लोकायुक्त के यहां मामला विचाराधीन है। बोथरा के खिलाफ सीबीआई और एसीबी में भी मामले चल रहे हैं या फिर विचाराधीन हैं।
लेकिन मूल मुद्दा यहां यह है कि जिस शक्स के खिलाफ लोकायुक्त सचिवालय में जांच विचाराधीन हो, उसके द्वारा दिये गये भोज में लोकायुक्त का शामिल होना क्या लोकायुक्त पद की गरिमा के अनुरूप है? एक अहम सवाल यह भी है कि लोकायुक्त जस्टिस एस.एस. कोठारी के सम्मान में किसी संस्था ने भोज आयोजित नहीं किया था, बल्कि यह भोज स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत होने के कारण कुछ ओर सवाल भी खड़े करता है। आखीर मीट एण्ड ग्रीट भोज कार्यक्रम सुमेर सिंह बोथरा ने ही क्यों आयोजित किया? अगर उनके मिलने और बधाई देने का मामला है तो जैन समाज के सामाजिक संगठनों या फिर कोई अन्य संगठन द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता था।
हमें याद है कि लोकसभा चुनावों के दौरान सुमेर सिंह बोथरा ने 29 अप्रेल, 2009 को सी-स्कीम स्थित महावीर सीनियर सैकण्डरी स्कूल प्रांगण में अपनी जेबी संस्था जैन चेतना मंच के बैनर तले जयपुर से वर्तमान सांसद महेश जोशी के समर्थन में जैन समाज के वोटों का जुगाड़ बैठाने के लिये कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो दूरी बनाये रखी लेकिन नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और सांसद (तब कांग्रेस के उम्मीदवार) महेश जोशी के साथ नामी गिरामी बिल्डर, ज्वेलर्स और उनके पिछलग्गू मंच पर आसीन थे। वैसे हम भी इन का तमाशा देखने महावीर स्कूल प्रांगण में पहुंचे थे। अगर सुमेर सिंह बोथरा एण्ड कम्पनी और सांसद महेश जोशी तथा नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल तथा तेरापंथ समाज के निर्मल बरडिय़ा, राजेन्द्र बरडिय़ा तथा खरतरगच्छ समुदाय के विमलचंद सुराना आदि की याददाश्त कमजोर नहीं हुई हो तो जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का संवैधानिक दर्जा दिलवाने के मामले में कार्यवाही करवाने का सांसद महेश जोशी ने वादा किया था, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और खुद सांसद महेश जोशी जैन समुदाय को दिये गये आश्वासन और वादे को भूल गये! शायद इनके वादे से मुकरने के पीछे यह कारण भी हो कि सी-स्कीम के महावीर स्कूल प्रांगण में आयोजित वह कार्यक्रम जैन समुदाय को भ्रमित कर अपना निजी फायदा उठाने के लिये आयोजित किया गया हो!
सुमेर सिंह बोथरा एण्ड कम्पनी द्वारा राजस्थान के नवनियुक्त लोकायुक्त एस.एस.कोठारी के लिये आयोजित मीट एण्ड ग्रीट भोज कार्यक्रम पर उपरोक्त संदर्भ में ऊंगलियां उठने लगी है।
आखीर यह कार्यक्रम सुमेर सिंह बोथरा एण्ड कम्पनी ने क्यों आयोजित किया?ï इस आयोजन के पर्दे के पीछे उनका क्या सोच और आशय था? क्योंकि लगभग चार साल पहिले आयोजित कार्यक्रम में शांति धारीवाल और महेश जोशी के साथ-साथ दर्जनों समर्थकों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की थी और लोकायुक्त जस्टिस एस.एस.कोठारी के लिये आयोजित मीट एण्ड ग्रीट भोज पार्टी में भाजपा के गुलाबचंद कटारिया और घनश्याम तिवाडी की मौजूदगी कुछ ऐसा बयान करती है कि शायद जलमहल लीज प्रकरण, सुबोध शिक्षण संस्थाओं एवं अन्य मामलों में आने वाली सम्भावित सरकार से अभी से तालमेल की जुगत बैठाई जा रही है।
बहरहाल एक बात साफ-साफ साबित हो गई है कि सुमेर सिंह बोथरा एण्ड कम्पनी द्वारा राजस्थान के लोकायुक्त एस.एस.कोठारी के लिये आयोजित मीट एण्ड ग्रीट भोज कार्यक्रम से आम जैन समुदाय का कोई लेना देना नहीं है। आम जैन समाज इस तरह के कार्यक्रम से हतप्रभ है और उम्मीद है कि राजस्थान के नवनियुक्त लोकायुक्त एवं अन्य लोग साफ-साफ समझलें कि वे इस तरह के भोज कार्यक्रमों के जरिये पूंजीपति लाबी के घेरे में ही जा रहे हैं तथा आम जैन समुदाय का इन पूंजीपतियों की करतूतों से कोई लेना देना नहीं है।

 
AGRAGAMI SANDESH

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