दो साल बीत गये सूरवाल काण्ड को, जब इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद को दंगाइयों ने जिन्दा जला दिया था। सीबीआई जुटी है जांच करने में! नतीजा कब और क्या आयेगा, यह तो वक्त ही बतायेगा? लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि फूल मोहम्मद की शहादत के बाद उसके परिवार को मिलने वाली सुविधायें सरकार ने क्या उन्हें मुहैया करवाई?
फूल मोहम्मद की एक बेटी शबनम जयपुर के भांखरोटा में इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्ययनरत है। सरकार उसकी फीस कॉलेज को नहीं चुका रही है। बेटा सोहेल प्राइवेट स्कूल में ग्यारहवीं का छात्र है। स्कूल वाले उसकी फीस अपने स्तर से माफ कर रहे हैं। यहां भी सरकारी इमदाद नदारत! बेटी सलीना छटी क्लास में और बेटा शोएब चौथी क्लास में पढ़ रहे हैं। उनके बारे में भी सरकारी सोच नदारत है। इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद की शहादत का प्रमाण पत्र किस अलमारी में बंद है, कोई नहीं जानता! खुद फूल मोहम्मद की पत्नी को एक अदद रोड़वेज के पास का इन्तजार है।
इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद की शहादत की न तो जांच परवान चढ़ रही है और न ही परिवार को सरकारी इमदाद का अता पता! जब पुलिस विभाग के एक जूनियर अफसर के मामले में सरकार की चाल इतनी सुस्त है तो फिर आम आदमी के क्या हाल हो रहे होंगे, गहलोत प्रशासन में, भगवान ही जानता है!
फूल मोहम्मद की एक बेटी शबनम जयपुर के भांखरोटा में इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्ययनरत है। सरकार उसकी फीस कॉलेज को नहीं चुका रही है। बेटा सोहेल प्राइवेट स्कूल में ग्यारहवीं का छात्र है। स्कूल वाले उसकी फीस अपने स्तर से माफ कर रहे हैं। यहां भी सरकारी इमदाद नदारत! बेटी सलीना छटी क्लास में और बेटा शोएब चौथी क्लास में पढ़ रहे हैं। उनके बारे में भी सरकारी सोच नदारत है। इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद की शहादत का प्रमाण पत्र किस अलमारी में बंद है, कोई नहीं जानता! खुद फूल मोहम्मद की पत्नी को एक अदद रोड़वेज के पास का इन्तजार है।
इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद की शहादत की न तो जांच परवान चढ़ रही है और न ही परिवार को सरकारी इमदाद का अता पता! जब पुलिस विभाग के एक जूनियर अफसर के मामले में सरकार की चाल इतनी सुस्त है तो फिर आम आदमी के क्या हाल हो रहे होंगे, गहलोत प्रशासन में, भगवान ही जानता है!