नई दिल्ली/जयपुर (अग्रगामी) पांच राज्यों की विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव करवाये जाने का लक्ष्य निर्धारित कर कांग्रेस खाद्य सुरक्षा योजना का रोड़ मैप तैयार करने में जुटी है। राजस्थान, दिल्ली सहित कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से कह दिया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयन्ती 20 अगस्त से अपने-अपने प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा योजना लागू कर दी जायेगी।
खाद्य सुरक्षा योजना कांग्रेस पार्टी का चुनावी ब्रह्मास्त्र बन गया है। पार्टी इस ही के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत बैठा रही है। उधर संसद के मानसून सत्र में देरी के कारण कुछ क्षेत्रों में यह कहा जा रहा है कि सरकार शीतकालीन सत्र से बचने के लिये मानसून सत्र देर से अर्थात अगस्त के तीसरे या चौथे सप्ताह में बुलाना चाहती है, ताकि शीतकालीन सत्र बुलाने की बाध्यता न रहे।
दूसरी ओर कांग्रेसी हल्कों सहित अधिकांश विपक्षी दलों में यह चर्चा गम्भीरता से हो रही है कि सरकार और कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लोकसभा चुनाव पांच राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों के साथ ही करवाने की अन्दर खाने तैयारी कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है और अन्य राजनैतिक पार्टियां अपने-अपने तरीके से चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई है।
लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनावों के साथ कराने के पीछे तर्क यह है कि कांग्रेस भाजपा के अन्दर हो रही उठापटकका भरपूर फायदा उठाने के लिये भी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ ही लोकसभा चुनाव करवाने के फार्मुले पर तेजी से काम कर रही है। कांग्रेस के चुनावी मैनेजरों का एक तर्क यह भी है कि अगर विधानसभा चुनावों के साथ लोकसभा चुनाव होते हैं तो चुनावों में केंद्रीय मुद्दे गौण हो कर पार्टियां राज्य स्तरीय मुद्दों पर चुनावों में उलझ जायेंगी, जिसका फायदा कुल मिला कर कांग्रेस को ही मिलेगा!