बताओ सीईओ जगरूप सिंह यादव साहब!-2
जयपुर (अग्रगामी) अग्रगामी संदेश के पिछले अंक में आपने पढ़ा था, म्युनिसिपल मकान संख्या 2055, पीतलियों का चौक, रामललाजी का रास्ता, चौकड़ी विश्वेश्वर जी, जयपुर में धड़ल्ले से किये जा रहे अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के बारे में।
जयपुर नगर निगम के एक जेईएन धर्मचंद सोनी से सांठगांठ कर, रिहायशी मकान की जी+2 की इजाजत तामीर लेकर बनाये गये इस गैर कानूनी और अवैध कॉमर्शियल काम्प्लेक्स के मामले में जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व आयुक्त ने जो नोटिस क्रमांक एफ-52/एमसी/एचएमजेड(ई)/012 दिनांक 26 नवम्बर, 2012 को गोवर्धनदास झंवर दिया गया था, उसके जवाब में खुद गोवर्धनदास झंवर ने अपने पत्र दिनांक 30 नवम्बर, 2012 को माना है कि उन्होंने जी+2 निर्माण की इजाजत के विरूद्ध जी+3 का अवैध निर्माण कर लिया है और उसे नियमित कर दिया जाये।
जयपुर नगर निगम से जी+2 आवासीय निर्माण की स्वीकृति में गोवर्धनदास झंवर ने भवन की कुल ऊंचाई कुल 9.5 मीटर रखने की मंशा जताई थी, जबकि भवन की ऊंचाई इससे कहीं ज्यादा है। यही नहीं भवन मालिक ने जयपुर नगर निगम से पास कराये गये नक्क्षों के विपरीत निर्माण कराया है तथा आंशिक चौथी मंजिल का भी बिना इजाजत निर्माण करवा लिया है।
खुद जयपुर नगर निगम के हवामहल जोन पूर्व के आयुक्त ने गोवर्धनदास झंवर म्युनिसिपल मकान संख्या 2055, पीतलियों का चौक, रामललाजी का रास्ता, चौकड़ी विश्वेश्वर जी, जयपुर को दिये गये नोटिस में स्पष्ट किया है कि उनके द्वारा मौका देखने पर भवन के भीतर का निर्माण नक्क्षे के अनुसार आवासीय नहीं है। बल्कि हाल व लिफ्ट का निर्माण करवाया गया है, जोकि आवासीय प्रकृति का नहीं है।
अब बिल्डर गोवर्धनदास झंवर ही बता सकते हैं कि उनकी माताजी और भाई सहित उनके परिवार के चौदह सदस्यों के लिये क्या कमरों की जरूरत नहीं होगी? क्या वे सब हालों में रहेंगे?
झंवर साहब अब यह भी खुलासा करे कि क्या उनके यहां पिछले महिनों आयकर विभाग के छापे पड़े थे, यदि हां तो झंवर साहब यह भी बता दें कि उन छापों के दौरान उन्होंने निर्माणाधीन सम्पत्तियों जिनमें यह सम्पत्ति भी है, का खुलासा आयकर विभाग के समक्ष किया था!
हम कुछ ओर तथ्यों का पता लगा रहे हैं, ताकि स्पष्ट हो सके कि इस बिल्डर की नगर निगम केकितने अफसरों-चुनिन्दा जनप्रतिनिधियों से कैसी और कितनी सांठगांठ है! क्रमश: